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डबवाली बनी नशेडिय़ों का शुष्क बंदरगाह : मेडिकल नशे का गढ़, युवाओं की नस-नस में जहर!
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के नशेडिय़ों के लिए एक डबवाली शुष्क बंदरगाह बन चुका है। यहां आए दिन नशे में धुत लोग कहीं रेलवे स्टेशन पर तो कभी बस अड्डे पर पड़े दिख जाते हैं, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि डबवाली में मेडिकल नशा आसानी से उपलब्ध हो रहा है। आलम यह है कि नशेड़ी इसे नशा डबवाली के नाम से जानने लगे हैं। तीन राज्यों का संगम होने के चलते, तीनों राज्यों के नशा पीडि़तों को डबवाली से मेडिकल नशा आसानी से मिल रहा है, और गांवों में युवा नशे के दलदल में धंसते जा रहे हैं। सरकार ने नशे के खात्मे के लिए पुलिस जिला बना दिया है, लेकिन नशा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा, बल्कि नशे से युवाओं की जवानी खत्म हो रही है।
बस स्टैंड के पास मिला पंजाब का नशेड़ी युवक
बुधवार शाम को पंजाब का एक युवक डबवाली के बस स्टैंड के पास, थाने से कुछ ही दूरी पर नशे में बेहोशी की हालत में मिला। लोगों ने उसकी बिगड़ती हालत देखकर चिंता जताई कि कहीं वह नशे की भेंट न चढ़ जाए, अन्यथा डबवाली में नशे के कारण मरने वालों की संख्या में और इजाफा हो जाएगा और फिर नशे पर कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होगी। इसी को देखते हुए वहीं पास में खड़ी मंडी डबवाली एंबुलेंस ट्रस्ट की एंबुलेंस से उसे इलाज के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया।
युवक की पहचान के लिए जब उसकी तलाशी ली गई, तो उसकी जेब से गिदड़वाहा के निवासी होने का प्रमाण मिला। उसकी जेब से तीन प्रकार की नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाएं और एक सिरप मिला, जिसमें सिग्नेचर के कैप्सूल, जैकडॉल, एलप्रेस के पत्ते और खांसी के एक सिरप की शीशी शामिल थी। पत्तों में से कुछ गोलियां और कैप्सूल गायब थे। चौंकाने वाली बात यह थी कि युवक की टी-शर्ट पर पंजाब सरकार का नारा युद्ध नशेयां विरुद्ध लिखा हुआ था।
पिछले दिनों राजस्थान का युवक भी मिला था नशे में
पिछले दिनों डबवाली में नशे में लडख़ड़ाते हुए युवकों के कई वीडियो सामने आए थे, जिसमें युवक सरेआम नशे के प्रभाव में दिख रहे थे। ये युवक शराब या चिट्टा नहीं, बल्कि मेडिकल नशे के प्रभाव में होते हैं। हाल ही में एक सडक़ हादसे में घायल हुए युवक की पहचान संगरिया निवासी के रूप में हुई थी, जो नशे की हालत में था। जब एक नशे में झूमते युवक से बात की गई, तो उसने पहले शराब पीने की बात कही, जब कहा कोई नशें की स्मैल नहीं आ रही लेकिन बाद में सच उगल दिया। उसका कहना था कि उसने सिग्नेचर का कैप्सूल खाया था और उसने अभी ही नशा करना शुरू किया है।
पुलिस पकड़ रही चिट्टा, पर युवाओं की नसों में मेडिकल नशा
डबवाली पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें मेडिकल गोलियों की भारी मात्रा तो पकड़ी गई है, लेकिन पुलिस मुख्य रूप से चिट्टा (हेरोइन) को बड़े पैमाने पर पकड़ रही है। हालांकि, जमीनी हकीकत यह है कि युवाओं की नसों में इंजेक्शन के रूप में चिट्टे और खून की जगह मेडिकल नशा बह रहा है, जिससे कई गांवों में युवा नशे का ग्रास बन रहे हैं। अब तो पंजाब और राजस्थान के युवा भी डबवाली में मिलने लगे हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि डबवाली वास्तव में नशे का एक बड़ा केंद्र बन चुका है।
किराए के लाइसेंस पर चल रही हैं मेडिकल दुकानें
डबवाली और आसपास के क्षेत्र में मेडिकल दुकानों की संख्या में अचानक भारी इजाफा हुआ है। जानकारों की मानें तो मोटे तौर पर देखा जाए तो ज़्यादातर मेडिकल दुकानें किराए के लाइसेंस पर चल रही हैं। जब भी ड्रग विभाग की रेड पड़ती है, तो लाइसेंस धारक मेडिकल दुकान पर मौजूद नहीं होता। कहा जाता है कि एक ही व्यक्ति ने अपने कई खरीददार या एजेंट पाल रखे हैं, जो किराए के लाइसेंस के जरिए नशे के इस कारोबार को धड़ल्ले से चला रहे हैं।